tag:blogger.com,1999:blog-5077306929455704292.post8011362827255594431..comments2023-12-18T04:42:46.580-08:00Comments on यायावरी: अपना घर और भोपालराजेश उत्साहीhttp://www.blogger.com/profile/15973091178517874144noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-5077306929455704292.post-13902264823864172010-04-23T02:54:54.958-07:002010-04-23T02:54:54.958-07:00घर से दूर... घर की याद की ऐसी अभिव्यक्ति पहले कभी ...घर से दूर... घर की याद की ऐसी अभिव्यक्ति पहले कभी नहीं पढी बल्कि बिल्लौरे जी की कविता पढकर कहना होगा कि अभीतक हमने कुछ खास पढा ही नहीं था ।गिरिजा कुलश्रेष्ठhttps://www.blogger.com/profile/07420982390025037638noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5077306929455704292.post-14480243227381239232010-04-22T20:40:46.157-07:002010-04-22T20:40:46.157-07:00शरद भाई,शरद बिल्लौरे की दो कविताएं मैंने गुल्लक ...शरद भाई,शरद बिल्लौरे की दो कविताएं मैंने गुल्लक में भी कल ही डाली हैं। मैं भी 3 मई को कुछ और बातों के साथ उनको याद करुंगा।राजेश उत्साहीhttps://www.blogger.com/profile/15973091178517874144noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5077306929455704292.post-52758032365574057372010-04-22T12:33:41.018-07:002010-04-22T12:33:41.018-07:00राजेश , तुमने आज शरद बिल्लोरे की याद दिला दी... सच...राजेश , तुमने आज शरद बिल्लोरे की याद दिला दी... सच कहूँ तो जब भी घर की याद आती है शरद की यह कविता याद आती है ।और शरद याद आता है तो भोपाल याद आता है । कभी घर से दूर नहीं गया था वह और गया तो ऐसा गया कि फिर लौटा ही नहीं । रीजनल कॉलेज में उसके साथ बिताये क्षण बिलकुल अभी कल की बात लगते हैं । आज मैने भी उसकी किताब तय तो यही हुआ था फिर से देखी । उसकी एक चिठ्ठी मेरे पास सुरक्षित है ..वह चिठ्ठी पढ़ी । अब 3 मई को उसकी पुण्यतिथि है ..उस दिन उसपर गत वर्ष की तरह कुछ लिखूंगा । <br />तुम घर कब लौट रहे हो भाई...?शरद कोकासhttps://www.blogger.com/profile/09435360513561915427noreply@blogger.com