tag:blogger.com,1999:blog-5077306929455704292.post1248287465275714..comments2023-12-18T04:42:46.580-08:00Comments on यायावरी: दिल्ली में एक दिनराजेश उत्साहीhttp://www.blogger.com/profile/15973091178517874144noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-5077306929455704292.post-49707348248163965432012-05-12T10:46:59.653-07:002012-05-12T10:46:59.653-07:00यह पोस्ट तो छूट ही रही थी! असली तश्वीरों के माध्यम...यह पोस्ट तो छूट ही रही थी! असली तश्वीरों के माध्यम से नकली तश्वीर वाले बिहारी बाबू भी पहचाने गये। ..धन्यवाद रोचक जानकारी के लिए।देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5077306929455704292.post-80036046970204607842012-05-05T06:48:27.716-07:002012-05-05T06:48:27.716-07:00बड़े भाई,
यात्रा-वर्णन भी एक दुरूह साहित्यिक विधा ह...बड़े भाई,<br />यात्रा-वर्णन भी एक दुरूह साहित्यिक विधा है और आपने जिस प्रकार वर्णन किया है मुझे लगता है कि शायद ही कोई घटना इस आलेख में स्थान पाने से वंचित रही हो.. हमारी पत्नी जिनका ज़िक्र मेरी पोस्टों को छोड़कर किसी ने नहीं किया, उनको भी आपने स्थान दिया यह मेरे लिए अत्यंत सुखद स्मृति है.. आम तौर पर रविवार के दिन मैं घोंघे की तरह अपनी खोल में छिपा रहता हूँ और दिन में ग्यारह बजे से पूर्व कोई मुझे फोन नहीं करता, किन्तु वह दिन आपकी पूर्व सूचना के कारण पहले से ही आपको समर्पित था. <br />मेरे लिए भी वह उपलब्धियों भरा दिन था बलराम जी से भेंट होने के कारण.. उस दिन मुझे नहीं पता था, किन्तु आज जाना कि "खलील जिब्रान" उनकी पुस्तक है.. प्राप्ति का मार्ग बताएं.<br />आपके ही बहाने कई स्तरीय ब्लॉगरों से भी मुलाक़ात हो गयी.. आपको ऑटो पर बिठाने के पूर्व हमारी साँसें रुकी हुई थीं और जब ऑटो मिला तब जाकर जान में जान आई.. (अब ये मत कहियेगा कि मुसीबत को विदा करके हमने चैन की सांस ली):)<br />बहुत ही आत्मीयता से आपने लिखा है!! यह आपसे मिलने का दूजा सौभाग्य था!! भारत मिलाप की तरह!!चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5077306929455704292.post-15259508035662867222012-05-05T02:10:43.520-07:002012-05-05T02:10:43.520-07:00अरे वाह, क्या गजब यात्रा एवं समय संयोजन किया है आप...अरे वाह, क्या गजब यात्रा एवं समय संयोजन किया है आपने ।विवेक रस्तोगीhttps://www.blogger.com/profile/01077993505906607655noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5077306929455704292.post-84099540662973570072012-04-25T07:07:11.028-07:002012-04-25T07:07:11.028-07:00अपनी आपबीती के साथ ही बहुत बढ़िया रोचक संस्मरण .....अपनी आपबीती के साथ ही बहुत बढ़िया रोचक संस्मरण ...<br />एक साथ इतने साहित्य प्रेमियों का मिलना सुखद रहा , यह देखकर ख़ुशी तो होती है .लेकिन कुछ बातें समयाभाव के कारण शेष रह ही जाती हैं ....इसका मलाल तो रहता है फिर भी कुछ अच्छा होता है तो एक यादगार क्षण बन जाता है ..<br />सादरकविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5077306929455704292.post-4973683548378607982012-04-23T02:40:18.295-07:002012-04-23T02:40:18.295-07:00अरुण और ज्योति से मिलना आत्मीय होता है. बहुत मेहनत...अरुण और ज्योति से मिलना आत्मीय होता है. बहुत मेहनत कर रहे हैं दोनों.... आपका वृतांत रोचक है..मेरे भावhttps://www.blogger.com/profile/16447582860551511850noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5077306929455704292.post-74581952021413968672012-04-23T00:57:28.072-07:002012-04-23T00:57:28.072-07:00एक आत्मीयता से भरी पोस्ट। रोचक वृत्तांत।एक आत्मीयता से भरी पोस्ट। रोचक वृत्तांत।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5077306929455704292.post-49432876099022178262012-04-23T00:33:26.326-07:002012-04-23T00:33:26.326-07:00यात्रा भी....मिलना मिलाना भी.......
सिलसिला जारी र...यात्रा भी....मिलना मिलाना भी.......<br />सिलसिला जारी रहे.............<br /><br />सादर.<br /><br />अनुANULATA RAJ NAIRhttps://www.blogger.com/profile/02386833556494189702noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5077306929455704292.post-24164665726615098342012-04-22T23:32:48.625-07:002012-04-22T23:32:48.625-07:00राजेश जी आपसे मुलाकात बहुत आत्मीय रहा. आप अत्यंत स...राजेश जी आपसे मुलाकात बहुत आत्मीय रहा. आप अत्यंत सरल और सहज हैं. यदि मेरी प्रोफेशनल विवशता नहीं रहती तो मैं भी काफी होम में मौजूद रहता.... लब्ध प्रतिष्ठित साहित्यकारों के सानिध्य से वंचित रह गया......अरुण चन्द्र रॉयhttps://www.blogger.com/profile/01508172003645967041noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5077306929455704292.post-29778621038173631242012-04-22T21:02:08.907-07:002012-04-22T21:02:08.907-07:00बड़ी रोचक यात्रा रही आपकी, साहित्यिक मस्तिष्कों के...बड़ी रोचक यात्रा रही आपकी, साहित्यिक मस्तिष्कों के साथ।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5077306929455704292.post-36784993533384254542012-04-22T20:41:15.893-07:002012-04-22T20:41:15.893-07:00आपकी दिल्ली यात्रा तो सच में रोचक रही!!
किताबें भी...आपकी दिल्ली यात्रा तो सच में रोचक रही!!<br />किताबें भी अच्छी अच्छी भेंट में मिल गयीं आपको :)abhihttps://www.blogger.com/profile/12954157755191063152noreply@blogger.com