शनिवार, 16 अक्तूबर 2010

सारी दुनिया का बोझ हम उठाती हैं........

         
बंगलौर में एक वनस्‍पति उद्यान है 'लालबाग' । प्रकृति की यह रचना वहीं है।  जैसे कह रही हो- 
   सारी दुनिया का बोझ हम उठाती हैं।  
आप क्‍या कहते हैं.........

कहना न होगा कि यह फोटो मैंने ही अपने कैमरे में कैद किया है।
                                       0 राजेश उत्‍साही 



9 टिप्‍पणियां:

  1. अच्छी तस्वीर। दशहारा के पावन अवसर पर आपको और आपके परिवार के सभी सदस्यों को हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई!

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  2. बेहतरीन चित्र. प्रकृति की विविधता के क्या कहने

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  3. bhut khoob rajesh ji . prkriti se smvad ka nayab trika soch ko our bhi nai drishti deta hai is vichar ko aapki post ki hui tsveer ne our bhi pukhta kr diya hai .
    bhut bhut dhnywaad .

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  4. घूमते-टहलते नजर भी साथ हो, कैमरा तभी साथ देता है। अच्छी तलाश, बधाई।

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  5. वृक्षों में अनायास उभर आईं खूबसूरत आकृतियों को कैमरे में कैद करने का तो अपना भी मन करता है..
    ..खूबसूर चित्र खींचा है आपने।

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  6. आपके इस शौंक का तो पता ही नहीं था ... गज़ब का फोटो है ये ...
    आपको और आपके समस्त परिवार को दीपावली की मंगल कामनाएं ...

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  7. फोटो देखकर चकित हूं | प्रक्रति की सुंदर और अदभुद कलाकारी और कलाकारी आपकी कैमरे में कैद करने की | आश्चर्य तो इस बात का भी कि आप बैगलौर कब और कैसे पहुंच गऐ | खैर भला हो नेट का |

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  8. और हां जयपुर की खूब याद दिलाई | मैं जयपुर में जनमी हूं | वहां का खाना और लोग क्या कहने ! पर इंदौर का खाना पोहे जलेबी शिकंजी सेव दाल बाटी वगैरह वगैरह लम्बी लिस्ट है | वाह स्वाद ! वाह जायका !

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